How to raise a happy family
द्रश्य १ सुबहका रुटीन:
· माँ– “बच्चो देर होरही है, जल्दीउठो, स्कूल है…”
· बच्चे– नही माँ, थोड़ीदेर और सोनाहै..
· पापा– जल्दी करो, मुझेभी ऑफिस जानाहै, स्कूल बसमिस हो जाएगी…
और फिर वही, ब्रेकफास्ट करो, फाइलनही मिल रही, दूध उफान गया…आदि आदि!
द्रश्य २ दिनका समय
· माँ– बच्चो जल्दी सेनाश्ता फिनिश करो, फिरढेर सारा होमवर्ककरना है…
· बच्चे– माँ अभी तोआए है, स्कूलसे…
द्रश्य ३ शामका समय
· माँ–डिन्नर की तैयारी, क्लीन अप, अगलेदिन की तैयारी…
· बच्चे– टीवी, पढ़ाई,…औरफिर थक करसोने की कोशिशमे लगे है… पापा– आफ़िस कीथकान, कुछ फोनकॉल, कुछ मेलचेकिंग, कुछ टीवी..और फिरवही अगले दिनकी तैयारी
यही है, हमारेआम परिवार कीरुटीन, बँधी सीदिनचर्या, जहाँ हरकोई व्यस्त है, अपने अपने हिस्सेकी ज़वाबदारियो कोनिभाने मे..सोमवारसे शुक्रवार इसीभागदौड़ मे जाताहै, पर वीकेंडभी कुछ कमतनावग्रस्त नही है…शॉपिंग, दूसरी परिवारिकऔर सामाजिक ज़िमेदारियाँ…बस इसीतरह भाग–दौड़मे ज़िंदगी गुजररही है, किसीको भी साँसलेने की फ़ुर्सतनही है, हैतो बस तनावऔर थकान…हरकोई चाहता है, कुछ पल मिलेफ़ुर्सत के, सुकूनके, पर किसीको समझ नहीआता की इसभागदौड़ की ज़िंदगीमे कैसे तनावमुक्तऔर खुशहाल रखे..
पिछले कुछ दीनोसे इसी भाग–दौड़ केचलते मे महसूसकर रही थी, की इतनी सारीआधुनिक सुख–सुविधाएहोने के बादभी हम अपनी परिवारिक ज़िंदगी अच्छे से एंजाय नही कर पा रहे है! हर समय हमारा शरीर और मश्तिश्क “keep it on mode” मे रहते है, सरल शब्दो मे कहे तो हम हर समय किसी ना किसी विषय वस्तु मे उलझे रहते है, हर समय हम पर एक प्रेशर है, अपने आप को साबित करने का..लगता है ज़िंदगी के हर मे कोई परिवारिक ज़िंदगी अच्छे से एंजाय नही कर पा रहे है!
हर समय हमारा शरीर और मश्तिश्क “keep it on mode” मे रहते है, सरल शब्दो मे कहे तो हम हर समय किसी ना किसी विषय वस्तु मे उलझे रहते है, हर समय हम पर एक प्रेशर है, अपने आप को साबित करने का..लगता है ज़िंदगी के हर field मे कोई रेस लगी हुई है, और हर कोई उसमे फर्स्ट आना चाहता है, और ज़ीवन के बाकी क्षेत्रो की तरह पेरेंटिंग भी इसी रेस का हिस्सा बन गया है, लगता है एक खूबसूरत सफ़र न रह कर ये एक मिशन बन गया है!
मुझे पूरा यकीन है, मेरी तरह ही अधिकाँशतः पेरेंट्स इस बात से सहमत होगे की हम अपनी पेरेंटिंग जर्नी मे कुछ ज़्यादा ही तनाव महसूस कर रहे है और थकान और चिंता हमारी आम ज़िंदगी का खास हिस्सा बन चुके है!
पर कहते है, हर मुश्किल राह मे भी मंज़िल मिल ही जाती है, यदि हम कोशिश करे तो…बस थोड़ी मेहनत और pre-planning की ज़रूरत है, तो यहाँ अपने अनुभव से मे कुछ टिप्स share करना चाहुगी, उम्मीद है, इससे आप को भी मदद मिलेगी!
आम तौर परहम सभी अपनेअपने काम औरज़वाबदारियो मे इसकदर उलझ जातेहै, की हमेएक साथ समयबिताने की इंपॉर्टेन्सयाद ही नहीरहती, और यहीसबसे बड़ा कारणहोता है, परिवारिकतनाव का! कभीकभी तो हमेठीक से पताभी नही होताकी हमारे बच्चोऔर पति कादिन कैसा रहा? निश्चित रूप सेदैनिक रुटीन मेहर समय टाइमनिकालना मुश्किल रहता है, पर फिर भीथोड़ी कोशिश तोकी ही जासकती है, मसलन:
साथ बिताए “quality time” एक फॅमिलीकी तरह
· छोटेछोटे पलो कोएंजाय करने कीआदत डालिए, कारमे या बच्चोको स्कूल सेलाते हुए अपनीआगे की ज़वाबदारी(यानी खाने मेक्या बनाना हैया और क्याकाम बाकी है) ये सोचने कीजगह बच्चो सेअपना दिन share कीजिए, कुछ अपनी कहिए, कुछ उनकी सुनिए कुछ देर के लिए ही सही, पर साथ बिताया ये लम्हा आप को अपने बच्चो से reconnect करेगा और आप एक फॅमिली की तरह और स्ट्रॉंग महसूस करेगे!
- · डिन्नर के बाद अपनी फॅमिली के साथ एक छोटी सी वॉक भी एक big stress buster का काम करती है!
- · साथ बिताए time ki quanitity की जगह quality पर ध्यान दे!
- · कोई भी family ritual जैसे साथ मे शाम की प्रेयर या रीडिंग बेड टाइम स्टोरीस बनाए!
- कुछ साथ बिताए ये क्षण आप की तनाव ग्रस्त ज़िंदगी मे ऑक्सिजन की तरह राहत पहुचाएगे!
My Personal favoutite activity- मे अपने बच्चो के साथ समय बिताने का सबसे अच्छा तरीका “story telling” मानती हूँ, रोज़ नही तो साप्ताह मे तीन-चार बार किसी भी अच्छी बात को लेकर एक स्टोरी सुनाना और फिर उसी स्टोरी के माध्यम से उन्हे अच्छे-बुरे की पहचान कराना, उनकी प्राब्लम सुनना, उन्हे हर मुश्किल परिस्थिति से लड़ने की राह दिखना…दिल को सुकून भी देता है और बच्चो के साथ टाइम बिताने का सबसे इंटरेस्टिंग तरीका भी लगता है! इस तरह के कॉन्वर्सेशन से हम बच्चो के और करीब भी आ जाते है!
कीजिए घर के मौहोल को पॉज़िटिव और खुशनुमा रखने की कोशिश
कहते है, एमोशन्स infectious होते है, यदि घर मे किसी एक का मूड खराब हो, तो बाकी सब का भी मूड खराब हो जाता है, वही दूसरी तरफ एक के चेहरे की हँसी सबका मूड अच्छा कर देती है, तो ज़रूरी है घर मे सभी एक दूसरे के साथ सामंजस्य बना कर चले, छोटी छोटी बातों को टालने की कोशिश कीजिए, एक दूसरे की कमज़ोरी नही बल्कि ताक़त बनिये, और सबसे ज़रूरी “हास्य रस” को अपने परिवार का अहम हिस्सा बनाए, ज़िंदगी है तो भाग-दौड़ और टेन्षन बने ही रहेगे, पर कुछ पल निकाल कर खुल कर हँसिए और अपने बच्चो और पति को भी हसाए, कहते है “Laughter is the best medicine” तो क्यो ना हम भी इस का सहारा ले खुद को और अपने परिवार को खुशहाल रखने मे!
My Personal favourite tip-यदि किसी बात पर आपस मे तनाव हो रहा हो बच्चो या पति के साथ, और घर का माहॉल भी तनाव पूर्ण है, तो बिना बात अचानक से बीच मे ज़ोर से हंस कर उस बात को वही ख्त्म कर देना मेरा सबसे कारगर तरीका है, घर के वातावरण को खुशनुमा रखने का!
अनुशासन की बनाए मीठी सीमाए
ये सब से मुश्किल पर सब से ज़रूरी काम है, एक परिवार को खुशहाल साथ ही संयमित रखने का, आम तौर पर जब हम किसी को बहुत प्यार करते है, तो बहुत मुश्किल होता है, उसे अनुशास्न की डोर मे बांधना, और जब बात हो अपने बच्चो और पति की..तो आम तौर पर हम कुछ ज़्यादा ही flexible हो जाते है, पर मत भूलिए ज़ीवन मे आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए कम उम्र से ही बच्चो को अनुशासित करना बहुत ज़रूरी है, और उस से भी ज़रूरी है, उसकी इंपॉर्टेन्स उन्हे समझाना..कई बार बच्चे अनुशांशन को positively नही ले पाते और डर की वज़ह से अपनी ग़लतियाँ छुपाने लगते है, इसलिए इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है, की वो खुशी के इसे अपनाए, बिल्कुल ये काम उतना आसान नही है पर फिर भी शुरुआत तो की ही जा सकती है, मसलन:
- · छोटे-छोटे कामो मे बच्चो की मदद ले
- · हर काम समय पर करने की आदत डाले
- · उन्हे समय समय पर अनुशासन का महतव समझाए! साथ ही उन्हे अच्छे व्यवहार के लिए रिवॉर्ड देना भी ना भूले!
My Personal tip-वीक्ली चार्ट बना कर अच्छे काम के लिए स्टिकर देना मेरा पर्सनल favoutite है!
organizational stretgies और pre-planning को बनाए अपनी ज़िंदगी का खास हिस्सा
आम तौर पर पूर्व प्लॅनिंग की कमी हमे रुटीन लाइफ मे तनाव ग्रस्त करती है, और हम चाह कर भी अपनी फॅमिली लाइफ अच्छे से एंजाय नही कर पाते! समय पर और सही ज़गाह पर चीज़ ना मिलना, अचानक से किसी ज़रूरी वस्तु का ख्तम हो जाना, डॉक्टर का या और कोई ज़रूरी अपायंटमेंट भूल जाना…कुछ इस तरह की छोटी-बड़ी बाते है, जो हमे ना केवल शर्मिंदा करती है बल्कि हमारे आसान कामो को भी मुश्किल बना देती हूँ! सुनने या कहने मे ये थोड़ा बोरिंग लगता है, की हर चीज़ की लिख कर पहले से ही प्लान किया जाए पर यकीन मानिए शुरआत मे ये ज़रूर थोडा मुश्किल लगता है पर its really works very well और धीरे धीरे जब हम हर काम को पहले से प्लान करने की आदत डाल लेते है, तो इससे न केवल हमारा तनाव कम होता है बल्कि अपने परिवार के साथ समय बिताने का भी मौका हमे अच्छे से मिलता है! आज कल हर चीज़ के लिए प्लॅनर मार्केट मे उपलब्ध है और साथ ही कई ऑनलाइन साइट और अपस है जो इस काम मे आप की राह आसान कर सकते है!
my personal favourite tip- आम तौर पर लोंग टर्म प्लॅनिंग जैसे planning for finance, planning for kids, planning for health issue के साथ शॉर्ट टर्म प्लॅनिंग like menu planning, cleaning schedule, self care schedule बना कर काम करने से न केवल रुटीन दीनो का तनाव कम होता है, साथ ही परिवार मे एक अनुशासन और खुशनुमा वातावरण भी रहता है!
ना भूले “me time” की इंपॉर्टेन्स
हो सकता है कुछ लोग आप को सेल्फिश समझे, पर यदि आप अपने परिवार को खुशहाल रखना चाहते है तो सबसे ज़रूरी है, की आप अपने आप से खुश हो, कई बार यदि हम अपने आप को सिर्फ़ अपने परिवार और ज़वाबदारियों मे बाँध कर रख लेते है, और नतीजा होता है “mommy burnout” और ये बहुत खराब situation होती है हमारे खुद के लिए और हमारे परिवार के लिए भी! इससे न केवल हमारा शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है, बल्कि हमारे घर का मौहोल भी तनाव ग्रस्त हो जाता है, इसलिए ज़रूरी है चाहे वो घर की महिला हो या पुरुष, उन्हे कुछ समय “me time” मिले, जिसमे वो सिर्फ़ वही काम करे जो उनका पसंदगी का हो या जिसे करके उन्हे खुशी मिलती हो! वही बच्चो के लिए भी “unstructured play time” निकालना न भूले! ये बच्चो के सर्वांगीन विकास मे मदद करता है!
My personal favourite “Me Time activity”- मेरे लिए ब्लॉग लिखना और प्यारे पाठको की comments पढ़ना सब से खास “me time activity” है, जो न केवल मेरा रुटीन स्ट्रेस दूर करती है, बल्कि इससे मेरा आत्म विश्वास बढ़ता है और मे अधिक खुशी और positivity से अपनी फॅमिली की care कर पाती हूँ!
तो ये थी मेरी ८ साल की पेरेंटिंग जर्नी से जुड़े कुछ अनुभव की बाते जिसने मेरी मदद की, अपने परिवार को खुशहाल रखने मे! क्या है आपके परिवार की खुशहाली का राज़? कैसे संभालते है आप इतनी सारी ज़वाबदारियाँ एक साथ? प्लीज़ सांझा कीजिए!